शिमला के किसानों ने कमाई का निकाला नायाब तरीका, खेतों को बनाया पार्किंग
शिमला शहर से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जलेल पंचायत में अब लगभग हर किसान परिवार खेती-बाड़ी को अलविदा लह चुका है. अब यहां के खेतों में फसलों की बजाए हज़ारों वाहन खड़े हैं.
शिमला जिले की जलेल पंचायत में किसानों ने अपने खेतों को पार्किंग में तब्दील कर दिया है. (Photo- Zee News)
शिमला जिले की जलेल पंचायत में किसानों ने अपने खेतों को पार्किंग में तब्दील कर दिया है. (Photo- Zee News)
भारत की 80 फीसदी खेतीकिसानी मॉनसून पर आधारित है और इन दिनों मॉनसून अपने अलग-अलग रंग दिखा रहा है. उत्तर भारत में तेज गर्मी पड़ रही है. खासकर पहाड़ों पर हालात खराब हैं. पीने के पानी का संकट है, ऐसे में खेतों की सिंचाई के बारे में सोचना तो दूर की बात है. लेकिन किसानों ने इस मौसम में भी खेतों से मोटी कमाई का जरिया खोज लिया है.
मैदानी इलाकों में तेज गर्मी के कारण लोग पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. पहाड़ों पर सैलानियों का भीड़ बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में पहाड़ों पर लंबे-लंबे जाम लग रहे हैं. गाड़ी पार्किंग की समस्या खड़ी हो गई है.
ऐसे में शिमला जिले की जलेल पंचायत में किसानों ने अपने खेतों को पार्किंग में तब्दील कर दिया है. जलेल पंचायत के अधिकतर किसानों ने खेती छोड़ दी है और अपने खेतों एक कार कम्पनी को किराए पर दे दिया है. किसानों का कहना है की सालभर की मेहनत के बाद जंगली जानवर उनकी फसल को पूरी तरफ से तबाह कर देते हैं जिससे उनको नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन, अब उनके खेतों में कार कम्पनी के हज़ारों नए वाहनों की पार्किंग उन्हें थोड़ा सहारा दे रही है.
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जलेल गांव के खेतों में जहां हरी-भरी फसल होनी चाहिए थी वहां अब कार ही कार खड़ी नजर आती हैं. शिमला शहर से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जलेल पंचायत में अब लगभग हर किसान परिवार खेती-बाड़ी को अलविदा लह चुका है. अब यहां के खेतों में फसलों की बजाए हज़ारों वाहन खड़े हैं. दरअसल एक निजी कार कंपनी ने किसानों के खेत किराए पर लेकर उन्हें पार्किंग बना दिया है.
किसानों को उनकी जगह के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. यहां किसान गाड़ियों को पार्क करने की एवज में कार कम्पनी से 3000 हज़ार रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति माह का किराया ले रहे हैं. ये गाड़ियां शिमला, सिरमौर और सोलन से कंपनी के शोरूम से लाई गई हैं.
गांव के किसानों का कहना है कि जहां उन्हें खेत से एक पैसे की आमदनी नहीं हो पा रही थी अब खेत को किराए पर उठा देने से उनका गुजर-बसर चल रहा है. इसके अलावा शिमला के नजदीक के गांवों के किसानों ने अपने खेतों में पार्किंग बना दी है. यहां आने वाले सैलानी खेतों में अपनी गाड़ी पार्क करते हैं, जिनसे ये किसान किराया वसूलते हैं. इस तरह शिमला का यह मौसम सैलानियों के साथ-साथ किसानों को भी खूब लुभा रहा है.
(रिपोर्ट- मोहित प्रेम शर्मा)
05:26 PM IST